🌟 "गृहस्थ जीवन सद्गुणों से युक्त होकर मोक्ष का सेतु बन जाता है।" 🌟
तीर्थंकरों ने जन्म-मृत्यु के चक्र से पार होकर सभी के लिए मोक्ष का मार्ग प्रकाशित किया। अपनी असीम करुणा से उन्होंने एक आध्यात्मिक व्यवस्था की स्थापना की, जिसमें तप मार्ग (साधु धर्म) और गृहस्थ मार्ग (श्रावक धर्म) दोनों सम्मिलित हैं।
संसार का त्याग न करते हुए भी आदर्श गृहस्थ (श्रावक) गहनता, उद्देश्य और पवित्रता के साथ जीवन जीता है। उसके जीवन में आस्था, आत्म-अनुशासन और सत्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता झलकती है। उसका हर कार्य दान, ईमानदारी और विवेक की खुशबू से सराबोर रहता है। वह भले ही सांसारिक कर्तव्यों के बीच रहता हो, लेकिन उसका हृदय आध्यात्मिक जागृति के लिए धड़कता है।
इस महान जीवन के मूल में 21 परिवर्तनकारी गुण निहित हैं - न केवल प्रशंसा करने के लिए सिद्धांत, बल्कि धारण करने के लिए रत्न। ये गुण गृहस्थ की आत्म-साक्षात्कार की यात्रा की आध्यात्मिक रीढ़ बनते हैं।
✨ क्या अपेक्षा करें:
- 21 सद्गुणों में से प्रत्येक के बारे में गहन अंतर्दृष्टि
- उन्हें दैनिक जीवन में एकीकृत करने के व्यावहारिक तरीके
- निर्देशित चिंतन और सार्थक चर्चाएँ
- आध्यात्मिक दूरदर्शी और श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर के संस्थापक पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी की शिक्षाओं से आंतरिक प्रेरणा
चाहे आप अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत कर रहे हों या अपनी नींव को मजबूत करना चाहते हों, यह परिवर्तनकारी शिविर आपको स्पष्टता, उद्देश्य और धर्म से नए सिरे से जुड़ाव प्रदान करेगा।
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🧘♀️ जिज्ञासु मन के साथ आएँ। सद्गुणों से भरे हृदय के साथ जाएँ।
आइए साथ-साथ चलें - इरादे से मूर्त रूप तक, मूल्यों से सद्गुण तक, गृहस्थ से मुक्त प्राणी तक।
🧘♀️ जिज्ञासु मन के साथ आएँ। सद्गुणों से भरे हृदय के साथ जाएँ।
Schedule:
8:45 - 9:00 भक्ति
9:00 - 10:30 सेशन
10:30 - 11:00 नाश्ता